Wednesday, 28 September 2016

बहन, हील्स पहनकर चलने में दिक्कत होती है तो ये देख लो


बहन, हील्स पहनकर चलने में दिक्कत होती है तो ये देख लो




यानिस मार्शल. दो साल पहले ‘ब्रिटेन्स गॉट टैलेंट’ शो ने इन्हें वर्ल्ड फेमस कर दिया था. तबसे ये उस पुरुष डांसर के तौर पर जाने जाते हैं जो हील्स में नाचता है. और ऐसा नाचता है कि बड़े बड़े डांसर शरमा जाएं.
सिर्फ यही हैरतंगेज नहीं कि ये तीन लड़के कितनी सफाई से हील्स को हैंडल कर रहे हैं. ये वीडियो हमारी बनी-बनाई मान्यताओं को तोड़ता है. उन मान्यताओं को, जो कपड़ों, खुशबुओं, रंगों और आदतों को लड़कों और लड़कियों में बांटती हैं. जो मानते हैं कि लड़कों और लड़कियों की भूमिकाएं अलग-अलग हैं. हील्स केवल औरतों के लिए नहीं, सबके लिए हैं. जैसे दुनिया की बाकी सारी चीजें.
आप वीडियो देखिए. मैं भी इसे चौथी बार रीप्ले कर देखती हूं.

इफ़ यू रिमेम्बर दिस, योर चाइल्डहुड वाज़ ऑसम


इफ़ यू रिमेम्बर दिस, योर चाइल्डहुड वाज़ ऑसम





मम्मी बाज़ार गयी हैं. तरकारी लेने. घर में भाई के साथ आप हैं. अब क्या किया जाए? मम्मी ने बिस्कुट का डब्बा भी इतना ऊपर रखा है कि पहुंचना मुश्किल है. कह के गयी हैं कि बाहर सड़क पर निकले तो शाम को पापा से शिकायत होगी. पापा हौंक देंगे. ये आप भी बखूबी जानते हैं. कोई बात नहीं. आपसे शातिर कोई और नहीं है. प्लान तैयार है.
पड़ोस से एक-दो चिल्लर बुला लिए. जमघट आज अपने ही घर पे लगेगी. इस शहर के नए कलेक्टर हम ही हैं. कमरे में से गद्दे उठा लाये. टीम बंट गयी. डब्लू डब्लू एफ़ चालू हो गया. “आ भिशुम!” “या ढिशुम!” “हां! हां! गिरा दे वहीं!” ऐसी आवाजें आ रही होती हैं. शरीर में बूकर टी, ब्रॉक लेस्नर, जॉन सीना, बतीस्ता और न जाने किस किस की आत्मा घुस जाती है. और खबरदार जो आपने कहा कि आपने ये कभी नहीं किया. बीकॉज़ इफ़ यू रिमेम्बर दिस, योर चाइल्डहुड वाज़ ऑसम.

Friday, 9 September 2016

हरियाणवी सीखणी सै? तो आओ यहां...


कई दोस्त बोल देते हैं, यार मुझे भी हरियाणवी सिखा दे. जब से ‘तनु वेड्स मनु’ आयी उसके बाद तो मेरी इंग्लिश ऑनर्स वाली लड़की दोस्त ‘ओके’ की जगह “ठीक सै” बोलने लगी हैं. अगर आप भी सीखना चाहते हैं तो अडै सीख ल्यो. जिससे आपकी ज़िन्दगी का खोया हुआ स्वैग वापिस आ जाए…

1. कोई पूछे कि आपको पता है पंजाब में इलेक्शन कौन जीतेगा?




2.  माइंड योर ओन बिज़नेस की जगह

3. और जब मम्मी मैथ्स के टेस्ट के बारे में पूछें और आपका टेस्ट अच्छा गया हो तो

4. जब कोई चेतन भगत की नई नॉवेल पढ़ने के लिए सजेस्ट करे

5. जब कोई दोस्त किसी लड़की के सामने जानबूझ कर भोला बन रहा हो

6. फेक एक्सेंट वाले उस दोस्त से

7.  अपनी गर्लफ्रेंड को बाबू, शोना, मोना-टोना की बजाय ये कहिए

8. किसी लड़के की हरियाणवी में तारीफ करनी हो तो

9. चार दोस्त बैठे हैं. लास्ट पित्ज़ा बचा है. कोई झपट्टा मार कर छीन ही रहा हो, तो ये लाइन बोलते हुए, पित्ज़ा छीन लें

10. नेक्स्ट टाइम मेट्रो के कोने में खड़ा वो लौंडा घूर रहा हो तो सीधे बोला देना

उत्तराखंडः एएनएम की हड़ताल से टीकाकरण कार्य हो रहा प्रभावित


उत्तराखंडः एएनएम की हड़ताल से टीकाकरण कार्य हो रहा प्रभावित

उत्तराखंडः एएनएम की हड़ताल से टीकाकरण कार्य हो रहा प्रभावित
प्रदेश में एएनएम की हड़ताल लगातार तीसरे दिन भी जारी रही। इसके चलते सरकारी अस्पतालों में बच्चों को टीकाकरण के कार्य भी प्रभावित रहे।
देहरादून, [जेएनएन]: प्रदेश में एएनएम की हड़ताल लगातार तीसरे दिन भी जारी रही। इसके चलते सरकारी अस्पतालों में बच्चों को टीकाकरण के कार्य भी प्रभावित रहे।
देहरादून में एएनएम ने सीएमओ कार्यालय के समक्ष धरना दिया। इस मौके पर उत्तराखंड मातृ-शिशु एवं परिवार कल्याण महिला कर्मचारी संघ की प्रांतीय अध्यक्ष गुड्डी मटूडा ने कहा कि महिला स्वास्थ्य कर्मी लंबे समय से अपनी छह सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। फिर भी उनकी उपेक्षा की जा रही है।
पढ़ें-समस्याओं को लेकर वाणिज्य कर कर्मियों ने किया प्रदर्शन
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री व मुख्य सचिव से लेकर स्वास्थ्य सचिव व महानिदेशक से कई बार वार्ता हो चुकी है। हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिला। एएनएम की एक भी मांग पर कार्रवाई नहीं हुई।
पढ़ें-एक सप्ताह से पानी न आने पर गुस्साए लोगों ने जल संस्थान के ईई को घेरा
उन्होंने कहा कि महिला स्वास्थ्य कर्मियों का ग्रेड वेतन 2800 से घटाकर 2000 कर दिया गया, जिसे पुन: संशोधन किया जाना चाहिए। महिला स्वास्थ्य कर्मियों के कार्य एवं दायित्वों को देखते हुए 2800 की जगह पर 4200 का ग्रेड वेतन दिया जाना चाहिए। इसके अलावा विभागीय ढांचा, महिला स्वास्थ्य कर्मियों के 440 रिक्त पदों को भरने व सभी महिला स्वास्थ्य कर्मियों को यू हेल्थ कार्ड का लाभ देने की मांग भी शामिल है।
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Friday, 17 June 2016

अंतरिक्ष वालों से वीडियो चैट कर लिया पर जेरी का जोक नहीं समझे जकरबर्ग

जेरी साइनफेल्ड 62 साल के हैं. अमेरिकी टेलीविजन पर 1989-1998 के बीच उनके द्वारा रचित मशहूर सिचुएशनल कॉमेडी सीरीज साइनफेल्ड प्रदर्शित हुई थी. इसने दुनिया भर में दर्शकों को दीवाना बनाया. इसमें उन्होंने अपना ही काल्पनिक किरदार निभाया था. रोजमर्रा के जीवन और मानव व्यवहार को ऑब्जर्व करके वे कॉमेडी करते हैं. साफ-सुथरे ढंग से हंसाते हैं जो ज्यादातर कॉमेडी आर्टिस्ट नहीं कर पाते.
बुधवार को कैलिफोर्निया में बने फेसबुक मुख्यालय में संस्थापक मार्क जकरबर्ग ने पहला Live Q&A रखा. इस मौके पर एक घंटे से ज्यादा के वीडियो में अंत के 20-25 मिनट साइनफेल्ड भी शामिल हुए. उनसे बातें की. बाद में उन्होंने अपनी वेब सीरीज कॉमेडियन्स इन कार्स गेटिंग कॉफी के 8वें सीजन के लिए भी अलग लाइव क्यूएंडए किया.
यहां ये दिखा कि जकरबर्ग कम्युनिकेशन के मामले में अभी भी वो अनुभव नहीं ला पाए हैं जो उनमें हमेशा कम रहा है. खासकर अब और ज्यादा, जब वे फेसबुक की परियोजनाओं के लिए लगातार चैट सेशन बुला रहे हैं और एक-एक घंटे बोल रहे हैं. वे प्रधानमंत्रियों, राजनयिकों, टेक वर्ल्ड के शीर्ष लोगों, टाउन हॉल क्यूएंडए के जरिए हजारों-लाखों लोगों से संवाद कर चुके हैं. 1 जून को उन्होंने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के अंतरिक्षयात्रियों के साथ लाइव वीडियो चैट भी किया.

Pre-FB युग के जेरी साइनफेल्ड कॉमेडियन हैं. जकरबर्ग ने उन्हें बुलाया (अपने लाइ‌व क्यूएंडए के प्रचार के लिए) या वे आए (अपने शो के प्रचार के लिए) तो होना ये था कि इस शो में जकरबर्ग भी प्लेयर होते. जैसे ओबामा तक रहे थे जब साइनफेल्ड ने अपने शो की एक कड़ी राष्ट्रपति भवन में शूट की जो बहुत मजेदार साबित हुई. इसमें बराक ओबामा ने वही किया जो साइनफेल्ड ने प्लान किया. चाहे वो दुनिया के सबसे ताकतवर ऑफिस वाइट हाउस की खिड़की बाहर से बजानी हो या सोफे पर बेहूदा ढंग से पसरना हो. सबकी अनुमति दी गई. यहां तक कि साइनफेल्ड ने ये भी पूछा कि राष्ट्रपति आप क्या सिर्फ एक ही रंग की अंडरवियर पहनते हैं और सब एक ही ब्रांड की होती है?
लेकिन इधर साइनफील्ड बातों को फनी करने की कोशिश कर रहे थे लेकिन जकरबर्ग उसे कंप्यूटर कोड जैसा ही समझ रहे थे.
वैनिटी फेयर मैगजीन की एमिली जेन फॉक्स इसे लेकर लिखती हैं:-
ऐसे आदमी (साइनफेल्ड) के आत्मविश्वास के साथ बराबरी कर पाना मुश्किल हो सकता है जिसका काम ही है खड़े होकर फुर्ती और चतुराई से चीजों को रिलेट करते हुए आकर्षण पैदा करना. जकरबर्ग के लिए तो ये विशेष तौर पर मुश्किल है जिनका पूरा कारोबार ही मानवीय मेलजोल को मिटाने के विचार पर टिका है.
जकरबर्ग अपने बंगले में एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम बनाने में लगे हैं. वे घर संभालने वाले रोबोट बटलर से बातें करके, मिलकर खुद को बहुत खुश बताते हैं. उन्होंने कहा कि उनका रोबोट उनकी आवाज पहचानता है और उनके दरवाजे के बाहर लगे कैमरा को संचालित करता है. जब उनकी पत्नी प्रिसिलिया घर आती हैं तो दरवाजा खोलता है और वेलकम भी बोलता है. जकरबर्ग बोले, ‘ये कितना फनी है न!’
इस पर साइनफेल्ड ने चुटकी ली, ‘कितने मजे की बात है कि जहां छोटा सा प्रयास भी करना पड़ रहा है, हम कितनी मेहनत उस प्रयास को मिटा देने में करते हैं? दरवाजा खोलना इतना बड़ा काम नहीं है लेकिन हम बहुत ज्यादा मेहनत करेंगे और खुद को दरवाजे तक चलकर जाने और उसे खोलने से बचा लेंगे.’ जकरबर्ग जब बात की गहराई नहीं समझे और बोले, ‘इस प्रोसेस में मजा आ रहा है’, तो साइनफेल्ड की आंखें जरा और फट गईं.
जकरबर्ग ने कहा था कि उन्होंने अपनी कसरत की सारिणी में बाइक चलाने और तैरने को भी शामिल कर लिया है और हाल ही में वे एक बाइक स्टोर भी गए थे. साइनफेल्ड ने बात जारी रखने के क्रम में कहा, ‘वहां कितनी अच्छी गंध आती है न, बाइक की दुकान पर. रबर की..’ लेकिन जकरबर्ग ने संवाद और बात का मर्म तोड़ते हुए कहा, ‘मैंने किसी गंध को तो नोटिस नहीं किया.’
एक और नई कोशिश करते हुए साइनफेल्ड ने कहा, ‘अच्छा तुम मेरे बारे में क्या जानना चाहते हो? मेरे बारे में तुम्हे जिज्ञासा जरूर होगी?’
साइनफेल्ड ने लगता है डेविड फिंचर की फिल्म द सोशल नेटवर्क नहीं देखी थी, देखी होती तो पता होता कि मार्क जकरबर्ग मानवता की बेहतरी के लिए समग्र रूप से काम करते हैं, किसी एक इंसान में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है.
खैर, साइनफेल्ड के सवाल पर जकरबर्ग चकरा गए. उन्हें इस सवाल की तैयारी न थी. अटक गए. बोले, ‘अम्म.. वेल, तो मेरा क्या मतलब था कि, साइनफेल्ड…’ . साइनफेल्ड को समझ आ गया था कि ये शो जकरबर्ग ही होस्ट कर ले तो बेहतर होगा, उन्होंने बात निपटाने के लिए उनके अटकने पर कहा, ‘तुम बहुत ज्यादा सेरेल खा रहे हो (इन दिनों)..’ यहां भी वे क्लूलेस हो गए थे. कुछ और न सूझा तो बोले, ‘तुम नाश्ते में क्या खाते हो फिर?’ साइनफेल्ड बोले, ‘तीन अंडे’. तब तक बात उन छोटी-मोटी चीजों पर चली गई थी जो जकरबर्ग का प्रभावक्षेत्र नहीं है.

इसी के बाद इंस्टाग्राम के ग्लोबल क्रिएटिव प्रोगाम हैड चार्ल्स पोर्च ने साइनफेल्ड ने लाइव चैट सत्र होस्ट किया. जो ठीक गया.

'आशिक़ तेरा, रुसवा तेरा, शायर तेरा, 'इंशा' तेरा' (इक बार कहो तुम मेरी हो )

पाकिस्तानी शायर इब्ने इंशा के जन्मदिन पर पढ़िए उनकी खास कविताओं के खास अंश. लेकिन उसके पहले सुनिए इनका गीत ‘इक बार कहो तुम मेरी हो’ कुलदीप सरदार की आवाज़ में.

इक बार कहो तुम मेरी हो 



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'क़िस्सा मिरे जुनूं का बहुत याद आएगा'



शायर शहरयार आज होते तो 80 बरस के होते. शहरयार की सबसे फेमस किताब है- ‘ख्वाब के दर बंद हैं. 2008 में उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला. शहरयार ने ‘गमन’, ‘अंजुमन’ और ’उमराव जान’ जैसी फ़िल्मों के लिए भी गीत लिखे. पढ़िए शहरयार की ये गजल-

क़िस्सा  मिरे  जुनूं  का   बहुत   याद   आएगा
जब-जब   कोई   चिराग   हवा   में   जलाएगा
रातों  को  जागते  हैं,  इसी  वास्ते  कि  ख्वाब
देखेगा  बंद   आंखें   तो   फिर   लौट   जाएगा
कब से बचा के रक्खी है  इक  बूंद  ओस  की
किस  रोज़  तू   वफ़ा   को  मिरी   आज़माएगा
कागज़  की  कश्तियां  भी  बड़ी  काम  आएंगी
जिस   दिन   हमारे   शहर   में   सैलाब   आएगा
दिल को यकीन है कि सर-ए-रहगुज़ार-ए-इश्क
कोई    फ़सुर्दा    दिल   ये    ग़ज़ल    गुनगुनाएगा

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