Wednesday, 28 September 2016

इफ़ यू रिमेम्बर दिस, योर चाइल्डहुड वाज़ ऑसम


इफ़ यू रिमेम्बर दिस, योर चाइल्डहुड वाज़ ऑसम





मम्मी बाज़ार गयी हैं. तरकारी लेने. घर में भाई के साथ आप हैं. अब क्या किया जाए? मम्मी ने बिस्कुट का डब्बा भी इतना ऊपर रखा है कि पहुंचना मुश्किल है. कह के गयी हैं कि बाहर सड़क पर निकले तो शाम को पापा से शिकायत होगी. पापा हौंक देंगे. ये आप भी बखूबी जानते हैं. कोई बात नहीं. आपसे शातिर कोई और नहीं है. प्लान तैयार है.
पड़ोस से एक-दो चिल्लर बुला लिए. जमघट आज अपने ही घर पे लगेगी. इस शहर के नए कलेक्टर हम ही हैं. कमरे में से गद्दे उठा लाये. टीम बंट गयी. डब्लू डब्लू एफ़ चालू हो गया. “आ भिशुम!” “या ढिशुम!” “हां! हां! गिरा दे वहीं!” ऐसी आवाजें आ रही होती हैं. शरीर में बूकर टी, ब्रॉक लेस्नर, जॉन सीना, बतीस्ता और न जाने किस किस की आत्मा घुस जाती है. और खबरदार जो आपने कहा कि आपने ये कभी नहीं किया. बीकॉज़ इफ़ यू रिमेम्बर दिस, योर चाइल्डहुड वाज़ ऑसम.

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