मम्मी कसम मिलेगा मारक मज़ा
3 जून को फिर से 'प्रोडिगल साइंस' का हलुआ बनाएंगी बिहार टॉपर रूबी
बिहार में 12वीं का रिजल्ट आया. स्टेट टॉपर्स का नाम पता चला तो चैनल वाले माइक लेकर पहुंच लिए. टॉपर्स से उनके सब्जेक्ट से जुड़े कुछ सवाल पूछे. बिहार बोर्ड में टॉप करने वाली रूबी राय और सौरभ श्रेष्ठ इन सवालों का सही जवाब नहीं दे पाए. दोनों की किरकिरी जो हुई सो हुई. बिहार के एजुकेशन सिस्टम पर भी सवाल उठने लगे. इंटरव्यू फैलने लगा.
बिहार स्कूल एग्जाम कमेटी को पता चला तो रूबी और सौरभ के रिजल्ट पर रोक लगा दी. 3 जून को आर्ट्स, साइंस और कॉमर्स के टॉपर्स का इंटरव्यू लिया जाएगा. ताकि पता चल सके कि ये टॉपर्स काबिल हैं भी या कुछ गड़बड़ है. बिहार के एचआरडी मिनिस्टर अशोक चौधरी ने कहा, ‘कड़ी मेहनत के हमने सफलतापूर्वक एग्जाम करवाए. लेकिन कुछ लोगों के निजी स्वार्थ की वजह से सरकार की किरकिरी हो रही है. मामले में कहां चूक हुई, हम जानने और उसे सुधारने की कोशिश कर रहे हैं.’
देखें दोनों टॉपर्स के इंटरव्यू वाला वीडियो..
अब बात बिहार के एजुकेशन सिस्टम और पुराने ‘परीक्षाई किस्सों’ की. 2015 में देश के अख़बारों में एक फोटो छपी थी जिसमें बिहार के एक स्कूल में परीक्षा के दौरान अभिभावक बच्चों को नक़ल करने के लिए स्पाइडरमैन बने पड़े थे. इस फोटो ने बिहार की एजुकेशन सिस्टम की पोल खोल के रख दी.
2016 की परीक्षा में बिहार सरकार ने कमर कस ली थी. अधिकारियों को जबरदस्त कड़ाई करने के सख्त निर्देश थे.कई जगहों पर इतनी कड़ाई हुई कि जिलों में डीएम के पुतले फूंके गए. ये दुखद था क्योंकि जब बच्चे नक़ल करने की मांग कर रहे हैं. इसका मतलब है कि स्कूलों में पढ़ाई नहीं ही हो रही है. 2005-06 में स्कूलों की बदहाल स्थिति देखकर नीतीश कुमार ने बड़े पैमाने पर शिक्षकों की बहाली की थी. उस समय शिक्षकों के दस लाख पोस्ट खाली थे. स्कूल में बाकी सुविधायें शून्य थी. हालांकि उस बहाली की कड़ी आलोचना की जाती है, क्योंकि एक एनजीओ ‘प्रथम’ ने अपने सर्वे के दौरान शिक्षकों का स्तर बहुत ही ख़राब पाया था.
हाई स्कूल परीक्षा परिणाम के डिटेल्स
बहरहाल जब 2016 हाई स्कूल परीक्षा के परिणाम आये तो रिजल्ट चौंकानेवाले नहीं रहे. पर निराशाजनक जरूर रहे. मात्र 46 फीसदी बच्चे ही पास हो पाए. जबकि 2015 की परीक्षा में सफलता का फीसद 75 था. 15.47 लाख बच्चों में 8.21 लाख फेल हो गए. पास होने वाले लड़कों का पर्सेंटेज 54.44 फीसद रहा. जबकि लड़कियों में मात्र 37.61 रहा. इसमें भी 14.04 फीसदी लड़के और 7.16 फीसदी लड़कियां ही फर्स्ट क्लास ला पाये. बेतिया जिले में सर्वाधिक 62.47 फीसदी बच्चे पास हुए जबकि बक्सर जिले में सबसे कम 27.06 फीसदी पास हुए.बक्सर जिले में ही कई दिन डीएम के पुतले फूंके गए थे.
नक्सल प्रभावित जमुई के स्कूल का शानदार रिजल्ट
ये टॉपर 42 बच्चे एक ही स्कूल के हैं. ये स्कूल नक्सल प्रभावित जमुई जिले में है. बेहतरीन शिक्षा के लिए प्रसिद्ध नेतरहाट स्कूल के झारखंड में चले जाने के बाद नीतीश कुमार ने जमुई में सिमुलतला आवासीय विद्यालय की स्थापना की. ये स्कूल पिछले दो सालों से अपने जबरदस्त रिजल्ट के लिए जाना जाता है. यहां पढ़ने वाले बच्चों को नक्सलियों से धमकी भी मिलती रही है. पर लोगों की मेहनत और साहस से इस स्कूल ने अपना अलग मुकाम बनाया है.
इंटर टॉपर्स का रोचक इंटरव्यू
इसी बीच इंटर में आर्ट सब्जेक्टस की टॉपर रूबी राय और साइंस टॉपर सौरभ श्रेष्ठ का इंटरव्यू सामने आया. 500 में से 444 नंबर लाने वाली रूबी को 12वीं में अपने सब्जेक्ट्स के बारे में भी नहीं पता था. उनको ये भी नहीं पता था कि कितने नंबर का एग्जाम होता है. पॉलिटिकल साइंस के बारे में वो बताती हैं कि कुछ बनाया जाता है इसमें. यही हाल कुछ और टॉपरों का भी है. इस इंटरव्यू ने एक नई ही तस्वीर पेश की है. अब ऐसा हो गया है कि बिहार स्कूल एग्जाम कमेटी ने ये फैसला किया है कि इस बार के इंटर टॉपर्स का इंटरव्यू लिया जाएगा. टॉपर्स का इंटरव्यू अपने आप में पहली घटना है.
दैनिक भास्कर ने रूबी के पिता और दोनों टॉपर्स का इंटरव्यू प्रकाशित किया है.
रूबी के पिता बोले- प्रिंसिपल से मैंने बिटिया की पढ़ाई का ख्याल रखने को कहा था, लेकिन उन्होंने तो रूबी को टॉपर ही बना दिया.
- रूबी के पापा रिटायर्ड फौजी हैं. उन्होंने कहा, ‘रूबी पढ़ाई लिखाई में साधारण हैं. रूबी के दसवीं क्लास में भी 276 नंबर आए थे. सेकेंड डिविजन से पास हुई थी.’
- रूबी के पापा खुद उसके बिहार टॉप करने के बाद से परेशान हैं. बोले, ‘जिला टॉप करती तो इतनी दिक्कत की बात नहीं थी. कॉलेज के प्रिसिंपल से एक बार मैंने रूबी की पढ़ाई पर ध्यान देने के लिए कहा था. पर उन्होंने तो मेरी बेटी को टॉपर ही बना दिया.’
- बता दें कि रूबी के पापा रिटायरमेंट के बाद अब घर पर ही रहते हैं. रूबी ने शुरुआती पढ़ाई गांव के ही एक कॉन्वेंट स्कूल से की. इंटर में वो विशुन राय कॉलेज में एडमिशन लेकर रोज पढ़ने जाती थीं.
टॉपर्स से पूछे सवालों से खुली पोल
आर्ट्स टॉपर रूबी राय, 500 में से 444 मार्क्स (89 %)
1: आपने किस-किस सब्जेक्ट का एग्जाम दिया था?
– इंग्लिश, ज्योग्राफी, म्यूजिक, ‘प्रोडिकल साइंस’
– इंग्लिश, ज्योग्राफी, म्यूजिक, ‘प्रोडिकल साइंस’
2: कौन साइंस…?
– प्रोडिकल साइंस. (इस सब्जेक्ट में रूबी को 91 नंबर मिले हैं.)
– प्रोडिकल साइंस. (इस सब्जेक्ट में रूबी को 91 नंबर मिले हैं.)
3: प्रोडिकल साइंस क्या होता है? ये आप नया सब्जेक्ट बता रही हैं, इसमें क्या पढ़ाया जाता है?
– इस सब्जेक्ट में खाना बनाने के बारे में पढ़ाया जाता है.
– इस सब्जेक्ट में खाना बनाने के बारे में पढ़ाया जाता है.
4: अच्छा तो होम साइंस में क्या पढ़ाया जाता है?
– नहीं..नहीं. होम साइंस में खाना बनाने के बारे में पढ़ाया जाता है.
– नहीं..नहीं. होम साइंस में खाना बनाने के बारे में पढ़ाया जाता है.
5: आर्ट्स में कितने सब्जेक्ट का एग्जाम हुआ? कितने नंबर्स का एग्जाम था?
– टोटल 600 नंबर के एग्जाम थे. कुल सब्जेक्ट्स थे 6.
– टोटल 600 नंबर के एग्जाम थे. कुल सब्जेक्ट्स थे 6.
साइंस टॉपर सौरभ श्रेष्ठ, 500 में से 426 मार्क्स (85%)
1: किस तरह से एग्जाम की तैयारी की?
– स्कूल में जो पढ़ाया जाता, उसे रिवाइज करता. घर में सेल्फ स्टडी भी करता था.
– स्कूल में जो पढ़ाया जाता, उसे रिवाइज करता. घर में सेल्फ स्टडी भी करता था.
2: पीरियॉडिक टेबल में मोस्ट रिएक्टिव एलिमेंट क्या होता है?
– एल्यूमिनियम
– एल्यूमिनियम
3: सोडियम के इलेक्ट्रॉनिक स्ट्रक्चर के आउटर मोस्ट सर्कल में कितने इलेक्ट्रॉन होते हैं?
(सोचता है, पर जवाब नहीं दे पाता है.)
(सोचता है, पर जवाब नहीं दे पाता है.)
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