तीन दिन पहले दिनदहाड़े बांग्लादेश में एक हिंदू पुजारी का गला काट दिया गया था. वैसी ही घटना फिर से दोहराई गई है. फिर एक हिंदू पुजारी को निशाना बनाया गया और उसकी जान ले ली. बात पबना जिले की है. पुजारी का नाम नित्यारंजन पांडेय था, 62 साल के थे, ठाकुर अनुकूलचंद्र सेवाश्रम में रहा करते थे. 40 साल से इसी आश्रम में रह रहे थे. सवेरे-सवेरे आश्रम के गेट पर ही उनको गोली मार दी. कौन मार गया पता नहीं चल पाया है.
पिछले कुछ महीनों से बांग्लादेश बहुत खतरनाक हो चला है. वहां अल्पसंख्यक मर रहे हैं, सेक्युलर ब्लॉगर्स को सिर्फ लिखने के चलते मार दिया जाता है. इंटेलेक्चुअल्स और विदेशियों की जान भी खतरे में रहती है, कई विदेशी मारे जा चुके हैं. इस महीने की शुरुआत में एक ईसाई बिजनेसमैन का मर्डर कर दिया गया था. वो भी चर्च के बाहर. अप्रैल में तंगैल जिले में भी एक हिंदू टेलर को उसकी दुकान में मार दिया गया था. साफ़ पता चलता है धर्म के हिसाब से टारगेट करके लोगों को मारा जाता है.
कुछ रोज पहले एक बौद्ध भिक्षु और दो जाने-माने गे अधिकारों के एक्टिविस्ट भी ऐसे ही मार दिए गए थे. अलकायदा और ISIS ने कई हत्याओं की जिम्मेदारी ली है. ISIS वाले खुद मान रहे हैं कि हमने लोगों को मारा है लेकिन बांग्लादेश की सरकार इस पर मिट्टी डालने में लगी रहती है, उसने कभी नहीं स्वीकार कि इस सबके पीछे आतंकियों या ISIS वालों का हाथ है. पिछले हफ्ते अनंत गोपाल गांगुली नाम के एक पुजारी की हत्या कर दी गई थी.
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