Friday, 10 June 2016

हमारी सरकार ने गूगल को कहा 'स्ट्रीट व्यू अपने पास रखो'

न्यूज पढ़ने वाले टेक के खाने में क्लिक करके पढ़ते हैं. तो नए फोन, नए गैजेट्स आने के अलावा गूगल की खबरें जरूर आती हैं. गूगल रोज कुछ न कुछ दिखा के ललचवाता रहता है. कभी गूगल ग्लास, कभी रोबोट, कभी फलाना कभी ढिमाका. गूगल ने बहुत दिन तक ये भी कहकर टहिलाया कि अब गली गली घुमाएंगे, वर्चुअली. माने अगर उन्नाव के किसी गांव में बैठकर दिल्ली की पराठे वाली गली की दुकाने देखना चाहते हो तो देख लोगे. लेकिन ये खबर ‘अच्छे दिनों’ जितनी सच्ची है. सरकार ने गूगल को मना कर दिया है अपने देश का स्ट्रीट व्यू मैप दिखाने से. वही जो 360 डिग्री एंगल पर दिखाने का वादा करता था गूगल.
अभी क्या है, कि अगर फोन में गूगल स्ट्रीट व्यू इंस्टाल किए हो. तो उसमें टाइप करो एंपायर स्टेट बिल्डिंग. है न्यूयॉर्क में, लेकिन सोफा पर पसरे हुए इसका कोना कोना देख लोगे. चाहे ऑस्ट्रेलिया का ओपेरा हाउस देख लो. एकदम 360 डिग्री पर. बकिंघम पैलेस, मैडिसन स्क्वेयर सब दिख जाएगा. लेकिन इंडिया का कुछ भी नहीं. लालकिले की फोटू अंदर वाली नहीं दिखेगी. न दिखेगा ताजमहल.
गूगल ने यहां का स्ट्रीट व्यू दिखाने के लिए सरकार से इजाजत मांगी थी. अप्लाई किया था अप्रैल 2015 में. लेकिन होम मिनिस्ट्री ने साफ मना कर दिया. कि “चुप रहो, हमें बनाओ मत. सिक्योरिटी का मामला है. कोई आतंकी देख ले स्ट्रीट व्यू तो सीधे आकर जंतर मंतर पर कलेवा करे. नहीं एयरपोर्ट पर लैंड करे. बख्श दो भैया. हम नहीं देंगे इजाजत.”
अब जान लो क्या है स्ट्रीट व्यू
हम कुछ बताएं और तुम कन्फ्यूज हो जाओ उससे पहले ये वीडियो देख लो. कि कैसे बनता है स्ट्रीट व्यू का मसाला.
तो पता चल ही गया होगा. कि गलियों को कायदे से निहारने के लिए वो कार सजाते हैं. उसमें ऊपर एक रॉड में तमाम कैमरे लगा देते हैं. वो रिकॉर्ड करते हैं तो वीडियो बनता है 360 डिग्री का. बिल्डिंग के अंदर का सीन दिखाने के लिए इंसान को कैमरे पहना कर भेज देते हैं. कि सब फोटो खींच के लाओ. तब घर में बैठे बैठे लायक 3D व्यू तैयार होता है. इस टेक्नोलॉजी का यूज डिस्कवरी वाले और नेटजियो वाले भी खूब कर रहे हैं. फेसबुक पर उनके वीडियो दिखते हैं कभी कभी. लेकिन सुकून ये है कि हमारी गली उसमें नहीं दिखेगी.

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