Thursday, 26 May 2016

राजस्थान का सबसे बड़ा गुंडा AK-47 लेकर बकरियां चुरा रहा है

बमचक कटी है इनके चक्कर में........................


पिछले आठ महीने से राजस्थान में आनंदपाल सिंह की फरारी का मामला चर्चा में है. अखबारों के पहले पन्ने, पुलिस और सरकारी मीटिंग्स इसी केस में उलझे हैं. कोई नाकेबंदी काम नहीं आ रही. पिछले दिनों पुलिस ने कार में सोते हुए उसके दोस्त गैंगस्टर सुभाष मूंड को पकड़ा तो ज्ञात हुआ कि पांच लाख का ईनामी गैंगस्टर आनंदपाल सीने पर बुलेट प्रुफ जैकेट पहने और हाथों में एके-47 लिए खेतों में किसानों की बकरियां चुरा रहा है.
बकरियों को कभी पकाकर खाता है तो कभी बेचकर अपना गुजारा कर रहा है. बीकानेर, नागौर या शेखावाटी के खेतों में, तो कभी गाड़ियों में वो दिन और रात गुजार रहा है.
उसके परिवार और रिश्तेदारों को भी पुलिस ने पकड़ा लेकिन उसे पकड़ने में नाकामयाब रही तो हर जगह से पुलिस हटा ली गई है. अब आनंदपाल ने अपनी मां और प्रेमिका के जरिए अपील करवाई है. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के वकील एपी सिंह ने जयपुर में राज्यपाल कल्याण सिंह से मुलाकात की और कहा कि सुरक्षा दी जाए तो आनंदपाल सामने आने और सरेंडर करने को तैयार है.
वकील ने तो ये भी कहा कि आनंदपाल देशभक्त है, उसने पंचायत चुनाव लड़ा और उसके बाद नेताओं ने अत्याचार कर उसे जुर्म के दलदल में धकेला. उसकी कथित प्रेमिका अनुराधा चौधरी एक साफ्टवेयर इंजीनियर है और आगे आई थी लेकिन जेल में बंद है. सोचा जा रहा है कि अपनी प्रेमिका पर जुल्म की कहानी सुनकर शायद आनंदपाल बाहर आ जाएगा.
वकील एपी सिंह ने राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को भी चिट्ठी दी जिसमें कहा है कि निष्पक्ष जांच करवाई जाए क्योंकि आनंदपाल और उसकी प्रेमिका ने कोई अपराध नही किया है. कि उसके खिलाफ ये आरोप गलत हैं कि उसने एके-47 से गोलियां चलाकर पुलिसवालों को घायल किया और भागा.
सिंह का कहना है कि आनंदपाल नहीं भागता तो उसके साथी बलवीर बनूड़ा की तरह उसका दुश्मन राजू ठेहट जेल में उसे भी मरवा देता.

गैंगस्टर और उसकी फरारी की कहानी

1. आनंदपाल राजस्थान के नागौर जिले की लाडनूं तहसील के छोटे से गांव का रहने वाला है. लूट, वसूली, मर्डर और गैंगवार के 24 मामलों में वो शामिल है.
2. उसकी महत्वाकांक्षा लिकर किंग बनने की भी बताई जाती है. जिसके कारण विरोधी गैंग से उसकी लड़ाई होती है. बीकानेर जेल में पिछले साल उसका गैंगवार हुआ था. उसे भी गोली लगी थी.
3. कहा जाता है कि वो हथियारों और खून-खराबे के सहारे राजस्थान के अपराध जगत में पहले नंबर पर आना चाहता है.
4. अपराध की दुनिया में उसका प्रवेश 2006 में हुआ. उसने तब डीडवाना में जीवनराम गोदारा की गोली मारकर हत्या कर दी थी. डीडवाना में दर्ज 13 मामलों में से 8 में उसे भगौड़ा घोषित किया हुआ है.
5. सीकर में हुए गोपाल फोगावट हत्याकांड में भी उसी का हाथ बताया जाता है. ये मामला विधानसभा में उठा था.

6. जून, 2011 में उसने बीकानेर के सुजानगढ़ में भोजलाई चौराहे पर गोलीबारी की. तीन लोग घायल हुए. आरोप है कि उसी दिन उसने गनौड़ा जगह में शराब ठेके पर सेल्समैन के भाई को मार दिया.
7. उसके नाम के ऐसे अनेक किस्से शेखावाटी क्षेत्र में हीरोइक तरीके से चाव से सुने-सुनाए जाते हैं जहां का आनंदपाल रहने वाला है.
8. पहले वह बीकानेर और फिर अजमेर जेल में बंद था. 3 सितंबर 2015 को आनंदपाल और उसके साथी सुभाष मूंड की नागौर कोर्ट में पेशी थी. पुलिस वैन में उसे फिर अजमेर सेंट्रल जेल लाया जा रहा था.
9. लौटते हुए आनंदपाल ने पुलिस वालों को मिठाई खिलाई जिससे उन्हें नशा आ गया. आगे उसके साथियों ने सड़क रोक ली और गोलियां चलाते हुए उसे भगाकर ले गए. इसमें एक पुलिसकर्मी मारा गया.
10. तमाम पुलिस महकमे की सक्रियता के बावजूद वह किसी के हाथ नहीं आया है. अब ज्ञात हुआ है कि वो शेखावाटी और नागौर के गावों-खेतों में भागता फिर रहा है. बकरियां चुराते हुए.
 

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