Thursday, 9 June 2016

"20 मिनट रेप के लिए मेरे बेटे की 20 साल की ज़िन्दगी क्यों बर्बाद कर रहे हो"

जनवरी 2015 की एक रात थी. एक लड़की अपनी बहन के साथ एक पार्टी में गई थी. पार्टी में उसने काफी शराब पी ली. नशे की वजह से वो बेहोश हो गई. जब उसको होश आया, उसके हाथों और घुटनों पर खून लगा था. गर्दन के पीछे कुछ कांटें घुसे हुए थे. वो एक हॉस्पिटल में थी. उसे समझ ही नहीं आ रहा था कि हुआ क्या है. पुलिस वालों ने उसे बताया कि उसका रेप हुआ था. साल भर बाद रेपिस्ट को सजा हुई. अब उस रेपिस्ट का पिता कह रहा है कि ये सजा बहुत ज्यादा है. उसके बेटे के 20 मिनट के ‘एक्शन’ के लिए उसकी 20 साल की ज़िन्दगी बर्बाद हो जाएगी.
17 जनवरी 2015 की रात कुछ लड़के रात में बाइक पर घूम रहे थे. अचानक उनको कूड़ेदान के पीछे से आवाजें सुनाई पड़ीं. बाइक की लाइट मारी तो देखा. एक लड़की ज़मीन पर बेहोश पड़ी थी. उसके कपड़े फटे हुए थे. और एक लड़का उसके ऊपर चढ़ा हुआ था. बाइक देख कर वो लड़का, उस लड़की को वहीं छोड़ कर भाग गया. बाइक वाले लड़कों ने उसका पीछा किया. लेकिन उसको पकड़ नहीं पाए. लड़की बेहोश थी. बाइक वाले लड़कों ने उसको हॉस्पिटल पहुंचाया. पुलिस में भी कंप्लेंट की.
कैलिफ़ोर्निया की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में एक लड़की का रेप हुआ था. 17 जनवरी 2015 को. केस बहुत लम्बा चला. एक साल से भी ज्यादा वक़्त लगा फैसला आने में. मार्च 2016 में कैलिफ़ोर्निया की ज्यूरी ने फैसला दिया. रेपिस्ट को 14 साल की जेल हुई. फिर 2 जून 2016 को एक और फैसला आया. रेपिस्ट की सजा कम कर दी गई. अब उसको सिर्फ 6 महीने जेल में बिताने थे और उसपर निगरानी रखी जाने वाली थी.
रेप करने वाले का नाम था ब्रौक एलेन टर्नर. एक तैराक. उसकी सजा कम करने के पीछे जज ने सफाई दी. “ब्रौक एक बहुत अच्छा तैराक है. वो ओलंपिक की तैयारी कर रहा है. अगर उसको 14 साल की सज़ा दी गई तो उसके दिमाग और कैरिअर पर ‘बहुत गहरा असर’ पड़ेगा. “
जिस लड़की का रेप हुआ था, उसने भी खबर पढ़ी. उसके रेपिस्ट की सजा कम कर दी गई है. लड़की ने Buzzfeed News को एक चिट्ठी लिख कर भेजी. सीधे अपने रेपिस्ट के नाम. उसने लिखा,
तुम मुझे नहीं पहचानते. लेकिन फिर भी एक बार तुम मेरे अंदर घुसे थे. इसीलिए शायद हम आज यहां हैं. इसीलिए मैं तुमको ये चिट्ठी लिख रही हूं. 
तुमने अपने बयान में कहा कि मैंने बहुत शराब पी रखी थी. मैं बहुत एंजॉय कर रही थी जब तुम मेरा रेप कर रहे थे. ये तो वही बात हुई कि कार पार्किंग में खड़ी थी. दूसरी कार ने आकर उसे टक्कर मार दी. जो कार खड़ी थी वो पूरी तरह से टूट गई. और दूसरी कार का मालिक ये कहे कि पार्किंग में खड़ी कार अपना टूटना बहुत एन्जॉय कर रही थी. 
तुमने कोर्ट में कहा कि तुम लोगों को ये दिखाने चाहते हो. एक रात शराब पी लेना आपकी पूरी ज़िन्दगी किस तरह से ख़राब कर सकता है. तुम भूल गए कि सिर्फ तुम्हारी ज़िन्दगी ख़राब नही हुई है. मेरी ज़िन्दगी भी खराब हो गई है. तुम्हारा सिर्फ कैरिअर खराब हुआ है. मुझे जो इमोशनल ट्रॉमा हुआ है. मेरे परिवार को जो तकलीफें सहनी पड़ी हैं. उन सब के बारे में सोचने की तुम्हारी औकात ही नहीं है. 
ये चिट्ठी सोशल मीडिया पर बहुत से लोगों ने पढ़ी. लोग रेपिस्ट ब्रौक टर्नर के खिलाफ स्टेटस लिखने लगे. ट्वीट करने लगे. फिर ब्रौक टर्नर के पिता ने एक चिट्ठी लिखी. सोशल मीडिया पर. अपने बेटे को बचाते हुए. उसकी तारीफ करते हुए:
17 और 18 जनवरी को जो भी हुआ. उसके बाद से ब्रौक की ज़िन्दगी बिलकुल बदल गई है. अब वो पहले जैसा खुशमिजाज़ और हंसमुख लड़का नही रह गया. उसके चेहरे की मुस्कान भी हमेशा के लिए चली गई है. हर वक़्त वो डरा, सहमा और घबराया सा रहता है. जिस तरह से अब वो चलता है, धीमी आवाज़ में बात करता है. खाना भी ठीक से नहीं खाता. ये देख कर उसकी परेशानी का अंदाज़ा लगाया जा सकता है. ब्रौक को कुछ ख़ास तरह के व्यंजन खाना बहुत पसंद था. वो खुद भी खाना पकाने का शौक़ीन था. मैं अक्सर उसके लिए उसका फेवरेट ‘रिब ऑय स्टेक’ लेकर आता था. हम दोनों साथ मिल कर उसे ग्रिल करते थे. अपने बेटे को उसका मनपसंद खाना खाते देखकर मुझे बहुत अच्छा लगता था. मैं कई बार अपने चिप्स के पैकेट छिपा कर रख देता था. क्योंकि मैं जानता था कि अगर ब्रौक घंटों की अपनी स्विमिंग प्रैक्टिस से वापस आ जायेगा तो वो चिप्स मेरे लिए कभी नहीं बचेंगे. अब वो शायद ही मन से कुछ खाता है. जिंदा रहने के लिए जितना ज़रूरी बस उतना ही खाता है. इन फैसलों ने उसे तोड़ दिया है. उसके साथ ही हमारा पूरा परिवार भी बिखर गया है. अब उसकी ज़िन्दगी वैसी कभी नही होगी जैसी वो चाहता था. या जिसके लिए वो मेहनत कर रहा था. 20 मिनट के काम के लिए उसकी 20 साल की ज़िन्दगी बर्बाद हो जाएगी. ये पनिशमेंट उसके लिए बहुत ज्यादा है. अब जब उसपर एक रेपिस्ट या सेक्स ओफेंडर का तमगा लग गया है. उसकी ज़िन्दगी कभी भी बेहतर नहीं हो पाएगी. वो ना तो पहले जैसे रह पाएगा, ना काम कर पाएगा, ना ही कहीं जा पाएगा. अब लोगों से मिलने पर भी उसके व्यवहार में बहुत बदलाव आ जाएगा. उसका पिता होने के नाते जहां तक मैं समझ सकता हूं, ब्रौक को जेल भेजना सही फैसला नहीं है. उसने इससे पहले कभी कोई जुर्म नहीं किया है. उसने कभी किसी के साथ कोई ज़बरदस्ती नहीं की. यहां तक कि 17 जनवरी 2015 की उस रात भी उसने कोई ज़बरदस्ती नहीं की. ब्रौक अपनी ज़िन्दगी में बहुत अच्छे काम कर सकता है. वो पढ़ाई में बहुत अच्छा है. कॉलेज के बच्चों को अल्कोहल और अनैतिक सेक्स के खतरों के बारे में समझाने में जुटा हुआ है. हमारे समाज को ब्रौक जैसे और लोगों की ज़रूरत है. जिससे कॉलेज के स्टूडेंट्स को शराब पीने और उससे होने वाले नुकसानों के बारे में पता चले. सबसे अच्छा तरीका है कि ब्रौक पर सिर्फ निगरानी रखी जाए. और उसको मौके दिए जाएं कि वो खुद को एक बेहतर इंसान के रूप में निखार सके. साथ ही समाज को अपने अच्छे कामों से पॉजिटिव नतीजे दे सके.
आपका आज्ञाकारी
डैन ए टर्नर
इस चिट्ठी पर सोशल मीडिया और भड़क गया. एली औरोज़ी ने इस चिट्ठी का बहुत तरीके से जवाब दिया. उन्होंने इस चिट्ठी को एडिट किया.
17 और 18 जनवरी को जो भी हुआ (एक बेहोश लड़की का रेप) उसके बाद से ब्रौक की ज़िन्दगी बिलकुल बदल गई है. अब वो पहले जैसा खुशमिजाज़ और हंसमुख लड़का नही रह गया. उसके चेहरे की मुस्कान (जो रेप करते वक़्त भी उसके चेहरे पर ये सोच कर थी कि वो कभी पकड़ा नहीं जाएगा) भी हमेशा के लिए चली गई है. हर वक़्त वो डरा, सहमा और घबराया सा रहता है. जिस तरह से अब वो चलता है (जब उसने रेप का सारा इलज़ाम उस लड़की के ऊपर लगा दिया), धीमी आवाज़ में बात करता है. खाना भी ठीक से नहीं खाता. ये देख कर उसकी परेशानी का अंदाज़ा लगाया जा सकता है. ब्रौक को कुछ ख़ास तरह के व्यंजन खाना बहुत पसंद था (एक लड़की का रेप करने से पहले). वो खुद भी खाना पकाने का शौक़ीन था. मैं अक्सर उसके लिए उसका फेवरेट ‘रिब ऑय स्टेक’ लेकर आता था. हम दोनों साथ मिल कर उसे ग्रिल करते थे. अपने बेटे को उसका मनपसंद खाना खाते देखकर मुझे बहुत अच्छा लगता था. मैं कई बार अपने चिप्स के पैकेट छिपा कर रख देता था. क्योंकि मैं जानता था कि अगर ब्रौक घंटों की अपनी स्विमिंग प्रैक्टिस से वापस आ जायेगा तो वो चिप्स मेरे लिए कभी नहीं बचेंगे (इन क्यूट जानकारियों से ये बात बदल नहीं जाएगी कि उसने एक लड़की का रेप किया है) . अब वो शायद ही मन से कुछ खाता है. जिंदा रहने के लिए जितना ज़रूरी बस उतना ही खाता है (क्योंकि उसने अपने साथ एक और इंसान की ज़िन्दगी बर्बाद कर दी जिसका उसने रेप किया). इन फैसलों ने उसे तोड़ दिया है. उसके साथ ही हमारा पूरा परिवार भी बिखर गया है. अब उसकी ज़िन्दगी वैसी कभी नही होगी जैसी वो चाहता था. या जिसके लिए वो मेहनत कर रहा था (जब वो किसी खूबसूरत इंसान का रेप कर देता था और फिर स्विमिंग करने वापस लौट जाता था). 20 मिनट के काम (रेप) के लिए उसकी 20 साल की ज़िन्दगी बर्बाद हो जाएगी.(ये कोई खाने के 3 मिनट रूल जैसा नहीं है कि मसला वक़्त का हो. रेप चाहे 2 सेकंड या 20 मिनट. रेप हमेशा रेप होता है.रेप हमेशा गलत ही होता है) ये पनिशमेंट उसके लिए बहुत ज्यादा है. अब जब उसपर एक रेपिस्ट या सेक्स ओफेंडर का तमगा लग गया है. उसकी ज़िन्दगी कभी भी बेहतर नहीं हो पाएगी. वो ना तो पहले जैसे रह पाएगा, ना काम कर पाएगा, (ना किसी का रेप कर पाएगा) ना ही कहीं जा पाएगा. अब लोगों से मिलने पर(जो नहीं चाहते उनका रेप हो) भी उसके व्यवहार में बहुत बदलाव आ जाएगा. उसका पिता होने के नाते जहां तक मैं समझ सकता हूं, ब्रौक को जेल भेजना सही फैसला नहीं है (क्योंकि रेपिस्ट के लिए इससे भी बढ़कर सजा होनी चाहिए). उसने इससे पहले कभी कोई जुर्म नहीं किया है. उसने कभी किसी के साथ कोई ज़बरदस्ती नहीं की. यहां तक कि 17 जनवरी 2015 की उस रात भी उसने कोई ज़बरदस्ती नहीं की(सिर्फ रेप किया). ब्रौक अपनी ज़िन्दगी में बहुत अच्छे काम कर सकता है (जैसे रेप)(किसी रेपिस्ट के बारे में ये कहना कि ये उसका पहला रेप था, वैसा ही है जैसे किसी मर्डरर या आतंकवादी के पहले क़त्ल की बात करना. जुर्म फिर भी जुर्म है) वो पढ़ाई में बहुत अच्छा है . कॉलेज के बच्चों को अल्कोहल और अनैतिक सेक्स के खतरों के बारे में समझाने में जुटा हुआ है (जो कि बेकार की बातें हैं. उसे स्टूडेंट्स से ये बताना चाहिए कि उसने एक लड़की का रेप किया था. जो उसे नहीं करना चाहिए था.). हमारे समाज को ब्रौक जैसे और लोगों की ज़रूरत है. जिससे कॉलेज के स्टूडेंट्स को शराब पीने और उससे होने वाले नुकसानों के बारे में पता चले (और ये सब बताने वाला खुद एक रेपिस्ट है). सबसे अच्छा तरीका है कि ब्रौक पर सिर्फ निगरानी रखी जाए. और उसको मौके दिए जाएं कि वो खुद को एक बेहतर इंसान के रूप में निखार सके. साथ ही समाज को अपने अच्छे कामों से पॉजिटिव नतीजे दे सके. (जो कि हर तरह से गलत और बेहूदा होगा)
आपका आज्ञाकारी (और अनजान)
डैन ए (रेपिस्ट का पिता) टर्नर
इस पूरे मामले में ज्यूरी के लोग ब्रौक को बचाने की कोशिश कर रहे हैं. इसलिए क्योंकि वो एक स्विमर है. देश के लिए ओलंपिक में भाग ले सकता है. हो सकता है मेडल भी ले आए. लेकिन फिर भी वो एक रेपिस्ट रहेगा. मीडिया उसे एक ओलंपिक विजेता की तरह ही ट्रीट कर रहा है.
ब्रौक कोई महान तैराक नहीं है जिसने रेप जैसा कोई मामूली सा काम कर दिया है. वो एक रेपिस्ट है जिसे तैराकी आती है.
इन दोनों बातों में अंतर है. कोई भी जुर्म वक़्त से नापा नही जा सकता. चाहे 2 सेकंड हों या 20 मिनट. रेप, रेप है.और वो हमेशा गलत है. अगर उसके पिता सच में उससे प्यार करते हैं. तो उनको अपने बेटे को इस तरह से बचाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए थी.
मुलायम सिंह यादव कहते हैं, ‘लड़के थे, हो गई गलती.’ या टर्नर के पिता कहते हैं, ’20 मिनट के काम के लिए 20 साल की ज़िन्दगी खराब हो जाएगी.’
रेप क्या कोई नाश्ता है कि कर लिए, हाथ धो लिए और चल दिए!
इन लोगों की नज़रों में आदमी का कैरिअर है, नौकरी है, कॉलेज है, ज़िन्दगी है. लेकिन औरत सिर्फ दो स्तन और एक योनि है. रेपिस्ट ने अपने बयान में कहा कि लड़की भी रेप को एन्जॉय कर रही थी. इनको कोई ये बात समझा दो. रेप और सेक्स दोनों बिलकुल अलग चीज़ें हैं. रेप एक क्राइम है. जिसका सेक्स और ऑर्गैज्म से कोई रिश्ता नहीं है. अगर कोई किसी का मर्डर करता है, तब तो कोई नहीं कहता कि जिसका मर्डर हो रहा था, वो बहुत एन्जॉय कर रहा था. तो फिर रेप में ये एन्जॉयमेंट वाली बात क्यों आ जाती है.
ब्रौक ने रेप के लिए शराब के नशे को भी ब्लेम किया.उसने कहा कि नशे में होने की वजह से वो दोनों सही फैसले नहीं ले पाए. उस रात शराब दोनों ने पी थी. लेकिन लड़की ने तो ब्रौक के कपड़े नहीं फाड़े. ना ही उसका रेप किया. तो शराब पी कर लड़की का रेप करने की छूट आदमी को क्यों है.
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